Tuesday, December 18, 2012














इनेस फोर्नेल यूनिवर्सिटी ऑफ़ गोटिनजेन (जर्मनी) में ENDOLOGY पढ़ाती हैं, भारतीय साहित्य में साम्प्रादायिकता पर किये गए लेखन पर उनके द्वारा विशेष अध्ययन किया गया है, उनके आलेख 'Die Ereignisse von Ayodhya im spiegel der gegenwartigen Hindi-Literatur' में मेरे उपन्यास त्रिशूल पर विस्तार से लिखा गया है जो ब्लॉग क पाठकों के लिए यंहा प्रस्तुत है -

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कहानी ऐसे मिली