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कहानी ऐसे मिली
Wednesday, April 21, 2010
तर्पण
मेरे उपन्यास 'तर्पण' का पेपरबैक संस्करण
राजकमल प्रकाशन दिल्ली से आ गया है |
शिवमूर्ति
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कहानी ऐसे मिली
(शिवमूर्ति की कहानियां) Published in samved 106 (समीक्षा)
ग्रामजीवन का विद्रूप एवं कथारस का आस्वाद राम विनय शर्मा त्रिलोचन जी ने कहा है कि ‘‘भाषा को लेखक के सम्पर्क में जाना होगा।....
कहानी - कुच्ची का कानून
कुच्ची का कानून --शिवमूर्ति गांव की औरतों ने दांतों तले उंगली दबाई। अचरज तो इस बात का है कि गांव की उन बूढ़ियों, सयानियों को भी कानों-का...
त्रिशूल (उपन्यास ) का एक अंश
'' त्रि शूल ' कहानी पत्रिका 'हंस' के अगस्त व सितम्बर 93 के अंको में प्रकाशित हुआ था। पुस्तक रूप में यह राजकमल प्रकाशन...
आखिरी छलांग
यह उपन्यास सर्वप्रथम 'नया ज्ञानोदय' के जनवरी २००८ के अंक में सम्पूर्ण रूप से प्रकाशित हुआ था। ब्लाग के पाठकों के लिए इसके कुछ...
शिवमूर्ति की रचनाओं पर अन्य लेखकों के मत
शिवमूर्ति की रचनाओं पर अन्य लेखकों के मत 1- भाषा पर शिवमूर्ति की पकड़ गजब की है। अपनी भाषा से वे पूरा दृश्य पैदा कर देते हैं। उनके बिं...
शिवमूर्ति की कथा - यात्रा में नया मोड़
इंडिया इनसाइड पत्रिका की साहित्य वार्षिकी 2016 में प्रकाशित आलेख शिवमूर्ति की कथा - यात्रा में नया मोड़ · उमेश च...
Stories of Kathakar Shivmurti शिवमूर्ति That Speak Of Reality
Stories That Speak Of Reality “Here Expectations are not high but Intentions are. Here the purview of the voice of dissent against inj...
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